अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़गढ़ का कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग 2022 संपन्न

अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़गढ़ का कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग 2022 संपन्न
साहित्य में भारतीय दृष्टिकोण का होना अति आवश्यक – डॉ केशव शर्मा
देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे भाव हमारे परिषद के कार्य का आधार – डॉ विपिन चंद्र पाठक
चित्तौड़गढ़। अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ विभाग द्वारा निंबाहेड़ा के श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय परिसर में एक दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का आयोजन किया गया। आयोजन में चित्तौड़गढ़ निंबाहेड़ा एवं प्रतापगढ़ के साहित्यकार सम्मिलित रहे। कार्यक्रम संयोजक पंकज कुमार झा ने बताया कि अभ्यास वर्ग को चार सत्रों में आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉक्टर दामोदर जी लड्ढा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन श्री कैलाश मूंदड़ा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ विपिन चंद्र पाठक रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगर पालिका निंबाड़ा के पूर्व उपाध्यक्ष श्री श्याम अग्रवाल एवं समाजसेवी व्यवसाय विकास चंडक रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से की गई। मां शारदे की वंदना चित्तौड़ महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष माया साहू ने किया। परिषद गीत शिखा झा ने प्रस्तुत किया। डॉ पाठक ने अपने उद्बोधन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के इतिहास के बारे में विस्तार से कार्यकर्ताओं को बताया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद विश्व की सर्वाधिक भाषाओं में काम करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से सुदूर आसाम तक परिषद के कार्य का विस्तार है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के मुखपत्र साहित्य परिक्रमा में देशभर के साहित्यकारों की रचनाएं, लेख प्रकाशित किए जाते हैं। साहित्य समाज का दर्पण होता है यह अर्ध सत्य है। वास्तव में जैसा समाज हम चाहते हैं वैसे साहित्य के सृजन करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं कैलाश मूंदड़ा ने अपने उद्बोधन में साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला। सर्वजन हिताय ही साहित्य का मूल है। प्रथम सत्र में अतिथियों का परिचय एवं स्वागत प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रवीन्द्र उपाध्याय ने किया। प्रथम सत्र में आभार व्यक्त निंबाहेड़ा इकाई अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने किया। प्रथम सत्र का संचालन निंबाड़ा इकाई की महामंत्री कृष्णा वैष्णव ने किया।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष श्रीपाल सिंह सिसोदिया ने किया। द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ सुशीला लड्ढा रही। विशिष्ट अतिथि निंबाहेड़ा जिला संयोजक डॉ मुकुंद भट्ट सागर एवं चित्तौड़गढ़ जिला संयोजक बृजेश कुमार राठौर रहे। “सिया राम मय सब जग जानी, करहूं प्रणाम जोरि जुग पाणी” से अपनी बात की शुरुआत करते हुए डॉक्टर लड्ढा ने अपने उद्बोधन में साहित्य में मातृ शक्ति के योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रदेश महामंत्री डॉ केशव शर्मा ने अपने उद्बोधन में परिषद के द्वारा मनाए जा रहे चार अनिवार्य उत्सव पर विस्तार से चर्चा की। इन चार उत्सवों के पीछे परिषद की दृष्टि को समझाया। जिला संयोजक डॉ मुकुंद भट्ट सागर एवं बृजेश कुमार राठौर ने भी सत्र को संबोधित किया। द्वितीय सत्र के अतिथियों का परिचय तृप्ति कुमावत ने किया। जबकि सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन चित्तौड़गढ़ इकाई महामंत्री राधा किशन साहू ने किया। द्वितीय सत्र का संचालन प्रियंका सोमानी ने किया।
मध्याह्न भोजन उपरांत तृतीय सत्र की अध्यक्षता परिषद के प्रांत मीडिया प्रभारी राकेश कुमार चौधरी ने की मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रांत महामंत्री जग जितेंद्र सिंह विक्रम रहे। विशिष्ट अतिथि प्रतापगढ़ जिला संयोजक सुरेश सूरज रहे। अपने आयाम विषय पर अपनी बात रखते हुए जग जितेंद्र सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद साहित्य के क्षेत्र में कार्य करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। परिषद देश भर में विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन करता है। अपने साहित्यकार कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण हेतु साहित्यकार कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का आयोजन करता है। विभिन्न स्थानों की साहित्यिक यात्रा का आयोजन कर यात्रा साहित्य को समृद्ध करता है। देशभर के साहित्यकारों को आभासी पटल पर जोड़कर साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन करता है। कोरोना महामारी के काल में समाज के कंधे से कंधा मिलाकर कई सेवा कार्यों का कार्य भी परिषद द्वारा मानवीयता के नाते किया गया है। अपने कार्यकर्ता साहित्यकारों के कौशल विकास हेतु विभिन्न विषयों यथा कविता, कहानी लेखन, आलेख लेखन, नाटक लेखन पर भी कार्यशालाओं का आयोजन करता है। अध्यक्षता कर रहे प्रांत मीडिया प्रभारी राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि परिषद के विस्तार में मीडिया का भी बड़ा योगदान रहा है। आज मीडिया राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों के अलावा भी साहित्यिक गतिविधियों के समाचारों को भी प्रमुखता से प्रकाशित करता है। मीडिया में समाचार लेखन भी साहित्य से अलग नहीं है। सत्र में अतिथियों का परिचय युवा प्रकोष्ठ प्रमुख ममता जटिया ने किया। धन्यवाद ज्ञापन परिषद के महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष श्यामा सोलंकी ने किया। तृतीय सत्र का कुशल संचालन वंदना प्रजापति ने किया।
कार्यक्रम सह संयोजक डॉ रवीन्द्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि समापन सत्र की अध्यक्षता क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ विपिन चंद्र पाठक ने किया। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष विष्णु शर्मा हरिहर रहे। विष्णु शर्मा ने साहित्यकारों की भूमिका पर अपनी बात रखते हुए कहा कि परिषद का साहित्यकार देशप्रेम को सर्वोच्च स्थान पर रखता है। देशभक्ति एवं अपनी सनातन संस्कृति को पुष्ट करने वाले साहित्य का लेखन परिषद के कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है। धर्म से विमुख कोई साहित्य नहीं हो सकता है यही कारण है कि हमारे लोक देवताओं द्वारा लिखा साहित्य या उनके जीवन प्रसंग पर लिखा साहित्य गांव गांव और ढाणी ढाणी बिना प्रचार के गाया,सुना और पढ़ा जाता है। सत्र की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ विपिन चंद्र पाठक ने कहा कि देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे हमारे कार्य का आधार है। समाज को देने वाला ही देवता तुल्य होकर समाज में पूजित और प्रतिष्ठित होता है। परिषद का कार्यकर्ता परिषद के कार्य विस्तार का आधार है। कार्यकर्ता ही अपना समय, धन और ऊर्जा देकर परिषद के कार्य का विस्तार करता है। कार्य विस्तार की दृष्टि से ही चित्तौड़ प्रांत ने पहली बार विभाग स्तर पर कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का आयोजन किया। और सबसे प्रथम चित्तौड़ विभाग के इस अभ्यास वर्ग का आयोजन शेष विभागों के लिए भी अनुकरणीय साबित होगा।साथ ही उन्होंने कहा कि साहित्य मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि समाज को सही दिशा देने के लिए लिखा जाना चाहिए। अतिथियों का परिचय राकेश कुमार चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन परिषद के विभाग संयोजक राजेश गांधी ने किया। इस आयोजन में सम्मिलित होने वाले 80 से अधिक साहित्यकार कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। सत्र का कुशल संचालन साहित्यकार कृष्णा सिन्हा ने किया। कल्याण मंत्र के साथ समापन सत्र का समापन किया गया। इस अवसर पर परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रवीन्द्र कुमार उपाध्याय, प्रांत उपाध्यक्ष श्रीपाल सिंह सिसोदिया, प्रांत कोषाध्यक्ष पंकज कुमार झा, प्रांत मीडिया प्रभारी राकेश कुमार चौधरी, चित्तौड़ इकाई संरक्षक डॉक्टर सुशीला लड्ढा, डॉक्टर दामोदर लड्ढा, जिला संयोजक चित्तौड़गढ़ बृजेश कुमार राठौर, जिला संयोजक निंबाहेड़ा डॉ मुकुंद भट्ट सागर, श्यामा सोलंकी, विवेक सोलंकी, तरुणा गोखरू, घनश्याम तोसावड़ा, बालमुकुंद प्रधान, जय किशन गगरानी, शशि कुमार जोशी, निर्मला शर्मा, भगवती शर्मा, शोभा सिसोदिया, शिखा झा, माया साहू, राधाकिशन साहू, कृष्णा सिन्हा, प्रीति गांधी, अनिल पगारिया, अनिता पगारिया, तारा कुमावत, रतन लाल राजोरा, पुष्कर सोनी, विष्णा धाकड़, सोनू शर्मा, अविनाश गोठवाल, रजनीश गोठवाल, भगवती शर्मा, महावीर गोखरू, प्रियंका सोमानी, मुकेश वैष्णव, कृष्णा वैष्णव, सुरेश सूरज, गायत्री साहू, नवरतन सोलंकी, राधेश्याम जटिया, कुंवर प्रताप सहित कई साहित्यकार कार्यकर्ता उपस्थित रहे।