क्या हुआ तेरा वादा… मो. रफ़ी को जन्म जयंती पर किया याद, मेवाड़ विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स में गायन व पेंटिंग से दी श्रदांजलि

क्या हुआ तेरा वादा… मो. रफ़ी को जन्म जयंती पर किया याद
मेवाड़ विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स में गायन व पेंटिंग से दी श्रदांजलि
ब्रांड मैनेजर अमित चेचानी ने अपने सुरों से दी स्वरांजलि
चित्तौड़गढ़। दिनांक 24 दिसंबर को हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी साहब की जन्म जयंती रफी साहब के गाए गीतों को गाकर व पेंटिंग बनाकर मनायी गयी। मेवाड़ विश्वविद्यालय के विभाग की डीन प्रो.(डॉ.)चित्रलेखा सिंह ने इस अवसर पर उन्हें याद करते हुए कहा कि मोहम्मद रफ़ी हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्वगायकों में से एक थे, जिन्होंने क़रीब 40 साल के फ़िल्मी गायन में 25 हज़ार से अधिक गाने रिकॉर्ड करवाए। अपनी आवाज़ की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई थी। इन्हें ‘शहंशाह-ए-तरन्नुम’ भी कहा जाता था।
विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के प्रो. (डॉ) त्रिगुणातीत जैमिनी ने जानकारी दी कि मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में अद्भुत विस्तार था, जिसका संगीतकारों ने बख़ूबी इस्तेमाल किया। पूरी तीन पीढ़ियों तक अपनी आवाज़ देने वाले मोहम्मद रफ़ी ने क़रीब 25 कलाकारों को उनके गाने में अपनी आवाज़ दी, चाहे वे गुरुदत्त हों, शम्मी कपूर हों या फिर जॉनी वॉकर हों। इन सभी कलाकारों के लिए उनकी आवाज़ में एक विशेष तरह की लोच होती थी, जो उन्हें उस कलाकार से जोड़ देती थी।
इस अवसर पर फाइन आर्ट विभाग के ब्रांड मैनेजर व हरफनमौला कलाकार अमित कुमार चेचानी ने दिलकश आवाज से मोहम्मद रफी साहब के यादगार गीतों को गाकर स्वरांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पेंटिंग विषय के छात्र निर्मल बलाई ने भी मोहम्मद रफी साहब का खूबसूरत चित्र बनाया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संगीत प्राध्यापक प्रो. राजर्षि कसौधन, पेटिंग विभाग की प्राध्यापक लीला जोशी, नृत्य विभाग की प्राध्यापक बृषभानू नंदिनी झा, गोपाल बारठ, विद्यार्थी कल्पना, झलक, गुंजन उपस्थित रही।