खबर का हुआ असर 450 पुरानी बावड़ी की नगर परिषद ने ली सुध

रामपुरा तहसील मुख्यालय पर मुगलकालीन चंद्रावत राजवंश द्वारा निर्मित बदहाली का शिकार हो रही ऐतिहासिक महत्व की बावड़ी का जीर्णोद्धार नगर परिषद रामपुरा ने प्रारंभ किया है नगर परिषद ने परिषद की बैठक में पुरानी धरोहर को सहेजने का खाका तैयार किया है ज्ञात हो कि नगर के सिविल हॉस्पिटल प्रांगण में काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर काल भैरव मठ के सामने अत्यंत प्राचीन बावड़ी उपेक्षा एवं बधाई के चलते डंपिंग यार्ड बनने की कगार पर थी एवं लोगों द्वारा उक्त बावड़ी में कचरा पेटी समझकर वेस्ट मटेरियल पूजा सामग्री आदि बावड़ी में डाली जाती थी जिसको लेकर दुर्गंध एवं सड़ांध के चलते क्षेत्रवासियों का बुरा हाल हो रहा था वही रोड पर निकलने वाले लोगों को भी उक्त दुर्गंध के चलते बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था जिसको लेकर क्षेत्रवासियों सहित नई विधा समाचार पत्र ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था जिस पर नगर परिषद ने उक्त बावड़ी का जीर्णोद्धार का काम प्रारंभ करा दिया है ज्ञात हो कि 20 × 32 की लंबाई चौड़ाई उक्त बावड़ी की दीवारें क्षतिग्रस्त होकर उक्त बावड़ी में नालियों का गंदा पानी लीकेज की वजह से जा रहा था इसके चलते उक्त बावड़ी का नाम गंदी बावड़ी फूटी बावड़ी प्रचलन में हो गया था ज्ञात हो कि उक्त बावड़ी के समीप ही ऐतिहासिक धरोहर एवं धार्मिक महत्व का अति प्राचीन मुगलकालीन श्री काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर स्थित है