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ग्राम दूध लाई में जारी भागवत कथा का आज समापन एवं पूर्णआहुति हुई उमड़ा भक्तों का सैलाब

रामपुरा समीपस्थ गांव दुधलाई मैं आंतरी माता जन्मस्थली जीर्णोद्वार समिति द्वारा आयोजित भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव विगत दिनों6 से चल रही भागवत कथा आज अंतिम दिवस पर भागवत भास्कर परम पूज्य श्री मिथिलेश जी नागर के मुखारविंद से आज भागवत कथा अंतिम दिन आज राजा परीक्षित मोक्ष रुक्मणि मंगल सुदामा मिलन द्वारकी कथा का रस पान करवाया इस अवसर पर परम पूज्य गुरुदेव ने बताया कि आत्मा का रिश्ता परमात्मा से बनाने चिये पर आज मनुष्य का चित्त काम क्रोध मोह माया में फस कर आत्मा को मलिन कर रहा है मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त केवल गुरु के माद्यम से किया जा सकता है कर्म फल की प्राप्ति माँ महात्मा ओर परमात्मा ही दे सकते है अभिमानी व्यक्ति को गोविंद की भक्ति कभी भी प्राप्त नहीं हो सकती,अगर किसी व्यक्ति को अभिमान हैं तो समझ लेना उसके पतन का समय शुरू हो चुका हैं।अहंकारी रूपी चट्टान आ जाती है तो आनंद के श्रोत रुकना बंद हो जाता हैं,अहंकार रूपी चट्टान हटाओगे तभी जीवन मे आनंद आएगा।रावण और कंस को अपनी शक्तियो का अभिमान आ गया था पूरे कुल का सर्वनाश हो गया। रावण ने और कंस ने पुरुषार्थ से नहीं ,अभिमान के वशीभूत होकर सत्ता हथियाई तो आखिरअंत बुरा ही हुआ अपने कुल का भी सर्व नाश ही हुआ।
अंत में कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर श्रीमद्भागवत महापुराण की महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया

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