धर्म/कर्म

प्रतापगढ़ जिले के बरडिया गाँव में परंपरागत तरीके से हुआ देव दानव का युद्ध

  1. प्रतापगढ़ जिले के बरडिया  गाँव में परंपरागत तरीके से हुआ देव दानव का युद्ध

बरडिया:-जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर गांव बरडिया में नवरात्रि की नवमी के दिन देवताओं और दानवों के युद्ध का मंचन किया गया नवरात्रा की शुरुआत में बोए गए जवारा के विसर्जन के दौरान गांव के सभी प्रमुख देवरा और मंदिरों से ढोल नगाड़ा उसके साथ जुलूस निकाल गांव के बाहर नीमच रोड पर स्थित देवनारायण मंदिर पर लोग इकट्ठे हुए देवनारायण मंदिर प्रांगण में हर साल देवासुर संग्राम का मंचन किया जाता है इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए भारी जन सैलाब के बीच देवनारायण की पाति मिलने के बाद देवासुर संग्राम प्रारंभ हुआ जो लगभग 30 मिनट तक चला इसमें देवता और राक्षसों के बीच कंधे से कंधा टकराकर युद्ध लड़ा जाता है महिषासुर नामक राक्षस मां अंबे को मारने के लिए आया था तब दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था माता ने महिषासुर का वध कर दिया मरने से पहले राक्षस राज ने मोक्ष की प्रार्थना की तो मां अंबे ने उस पर दया कर उसे वरदान दिया कि तेरा नाम मेरे नाम के साथ हमेशा अमर रहेगा और मुझे महिषासुरमर्दिनि देवी के नाम से भी जाना जाएगा इस आधार पर मां महिषासुर मर्दिनी देवी का मंदिर बरडिया गांव में स्थित है और इस मंदिर के सामने देवासुर संग्राम का आयोजन यहां सालों से किया जा रहा है। वही गांव के निवासी बुजुर्ग उदय सिंह चुंडावत ने बताया कि उनकी उम्र लगभग  90 वर्ष से अधिक हो चुकी है और वह लगभग 4 से 5 वर्ष के थे तब उनके दादाजी और पिताजी ने बताया था कि देवासुर संग्राम की परंपरा सनातन धर्म से चली आ रही है खुद 70 साल से अपनी आंखों से इस देवासुर संग्राम को देख रहे हैं। देवासुर संग्राम को देखने के लिए बरडिया पंचायत के आस-पास के गांव काजली, कोलवी खेड़ा, थडा, रठाजना, जिरण मध्य प्रदेश सहित कई जगह से श्रद्धालु इस मंचन को देखने पहुंचते हैं।

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