बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की हुई शुरुआत

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की हुई शुरुआत
’’25 गांव में प्रधान सहित संरपचो ने हरी झंड़ी दिखा रैली/शपथ/संकल्प के माध्यम से एक साथ किया अभियान का आगाज’’
चित्तौड़गढ़, 16 अक्टूबर, रविवार(अमित कुमार चेचानी)। नोबेल शांति पुरूस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी व लेमा जोबाई ने राजस्थान से इस दुनिया के सबसे बड़े बाल विवाह के विरूद्ध अभियान का शुभारंभ दिया जलाकर किया। इसी क्रम में देशभर के 500 जिलों में लोगो को बाल विवाह के प्रति जागरूक करने के उदेश्य से रविवार को एक साथ बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत केण्ड़ल मार्च, मशाल जुलूस, रैली के माध्यम से शपथ लेकर हुई। आजाद भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में बाल विवाह जैसे सामाजिक मुदद्े पर इतना बड़ा अभियान पहली बार जमीनी स्तर पर शुरू हुआ हैं, जिसमें देश के लगभग 10 हजार गांवो के लोगो ने हिस्सा लिया हैं। कैलाश सत्यार्थी ने बाल विवाह रूपी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए लोगो से इसके खिलाफ एकजुट होने का आह्ान किया था। अभियान को लेकर आज देश भर में 26 राज्यो के 500 से अधिक जिलों में स्थानीय संगठनो के सहयोग से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउन्डेशन के नेतृत्व में गांव-गांव ढाणी-ढ़ाणी मशाल जुलुस निकाले, पैदल मार्च हुआ, और शपथ ली गई। जिले में अभियान के संयोजक और श्री आसरा विकास संस्थान के संस्थापक भोजराज सिंह पदमपुरा अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया की अन्य जगहों की भांति चित्तौड़गढ़ जिले में भी बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूवात 25 गांव दल्ला का खेड़ा, आवलहेड़ा, बदल्रखा, दौलतपुरा, सेमलपुरा, गोपाल नगर, मानपुरा, सीरड़ी, सुरजना, आछोड़ा, बिलिया, नगरी, बड़ोदीया, धनेत, ड़गला का खेड़ा, बोदीयाना, सीरड़ी मीनी, औछडी, लाल जी का खेड़ा, बोजून्दा, कश्मोर, गणेशपुरा, धनेतखुर्द, नरपत की खेड़ी, रोजड़ा से की गई। इस दौरान ड़गला का खेड़ा में स्वयं पंचायत समिति की प्रधान देवेन्द्र कंवर द्वारा हरी झंण्ड़ी दिखा कर बच्चों और महिलओं की रैली को रवाना किया गया। इस दौरान रैली पूरे गंाव का फेरा करते हुए गुजरी और इस दौरान महिलओं और रैली में शामिल बच्चों का उत्साव देखते ही बन रहा था। रैली में बच्चों द्वारा बाल विवाह के विरोध में और इस कुरूती से लोगो को जागरूक करने के नारे लगातार लगते रहे। समापन पर सभी ने हाथों में दिये और मोमबत्ती लेकर शपथ ली। इस दौरान संरपच रणजीत सिंह, आंगन बाड़ी कार्यकर्ता प्रेम कंुवर, सहायका लक्ष्मी देवी और सहयोगीनी काली रेगर, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउन्डेशन की हिमानी नन्दवाना तथा शोभा गर्ग आदि उपस्थित रही। इसी क्रम में आवलहेड़ा ग्राम पंचायत में संरपच प्रतिनिधी ने रैली को हरी झण्ड़ी दिखाई, इसके बाद रैली ग्राम पंचायत मुख्यालय से रवाना होकर गांव के मुख्य मार्ग और चोराहो से गुजरी, इस दौरान बच्चों ने, हम बच्चों ने ठाना है- बाल विवाह मिटाना हैं, बाल विवाह के खेल – में करने वाले जेल में, हम बच्चों का है सन्देश- बाल विवाह मुक्त हो देश, ड़रो मत-बच्चों की शादी करो मत, सुनो गौर से देश वासी-अब नहीं होगी बच्चों की शादी, सरीखे नारों से गंाव की गलियो को गुजंायमान कर दिया, इसके बाद रैली वापस पंचायत मुख्यालय पर पहुची जंहा राम दयाल,सहायक निदेशक बाल अधिकारीता विभाग, रमेश दशौरा,पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण अधिकारी नवीन कांकड़दा द्वारा रैली समापन पर हाथों में दिये और मोमबत्ती लेकर उसके उर्जवान और आशावान प्रकाश में बाल विवाह के विरोध और उसके प्रति लोगो को जागरूकर करने की शपथ दिलवाई इस दौरान कार्य क्रम की व्यवस्था भूपेन्द्र सिंह प्रोग्राम आॅफिसर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउन्डेशन व आउट रीच वर्कर घनश्याम शर्मा ने देखी। इसी प्रकार अलग-अलग गांवो में श्री आसरा विकास संस्थान के सदस्य ललिता उपाध्याय, कल्पना प्रजापति, करण जीणवाल, दलजीत कौर, बाबू लाल सेन, बाबू लाल मेघवाल, गोपाल सोनी, रूचिका शर्मा,गायत्री शर्मा, और ललित माली ने रैली और कार्यक्रम का नेतृत्व किया इस दौरान के गांव के जनप्रतिनिधियों, विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं,सहायका व सहयोगी आदि उपस्थित रही। अभियान की आगे की योजना पर संक्षिप्त प्रकाश ड़ालते हुए भोजराज सिंह ने यह भी जानकारी दी की बाल विवाह एक गम्भीर समस्या है और यह देश के सर्वागीण विकास में बाधक हैं। इसी को देखते हुए विश्व नोबेल शान्ति पुरूस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का ऐलान किया है कि 03 साल तक चलने वाले इस अभियान के तहत गांव-गांव जाकर लोगो को बाल विवाह के दुष्परिणामों से जागरूक किया जावेगा।