भाजपा की सदस्यता क्यों ले रहे हैं कांग्रेसी, किसने फैला रखी है गुटबाजी

जावद। हाल ही में जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं नगर परिषद के चुनाव हुए सभी चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। हार के पश्चात प्रत्याशी यह कहते हुए दिखाई दिए कि गुटबाजी की वजह से हमारी हार हुई। हाल ही में नगर परिषद के चुनाव में काफी गुटबाजी देखने को मिली, जावद विधानसभा पूर्ण रूप से गुटबाजी की आगोश में आ चुका है। सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि गुटबाजी खत्म हो जाए और कांग्रेस पार्टी को हमेशा जीत मिलती रहे लेकिन ऐसा कैसे होगा, उस हेतु कोई भी चर्चा नही कर रहा है। जावद विधानसभा की सातों नगर परिषद में भाजपा का कब्जा हो गया, जहां-जहां चुनाव थे वहां वहां निर्दलीय लोगों ने चुनाव लड़कर खेल बिगाड़ा। आपको यह नहीं पता होगा कि जो व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे वह व्यक्ति अधिकतर पूर्व जनपद अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजीत कांठेड़ के समर्थकों में गिने जाते हैं। माननीय जिला अध्यक्ष जी महोदय ने सिर्फ जावद के 2 वार्डों में ही फोकस किया। वार्ड क्रमांक 13 एवं वार्ड क्रमांक 15 में है अपने चहेतों को टिकट दिलाने में लगे रहे। जावद के वार्ड क्रमांक 13 में पूर्व पार्षद रमेश ग्वाला का टिकट हो चुका था लेकिन जिला अध्यक्ष महोदय ने “बी फार्म” पर हस्ताक्षर नहीं किए जिसकी वजह से श्री ग्वाला उम्मीदवार घोषित ना हो पाए। पुनः बताता हूं कि वार्ड क्रमांक 13 से रमेश ग्वाला का टिकट हो जाता तो जावद नगर परिषद पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा होता। इसी प्रकार अठाना, सरवानिया, रतनगढ़ व सिंगोली में जो भी व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़े हैं वह सभी सत्यनारायण पाटीदार के समर्थक हैं यानी कि सत्यनारायण पाटीदार ने जानबूझकर अपने समर्थकों को छूट दी कि जाओ और निर्दलीय चुनाव लड़ो। नयागांव में भी इसी प्रकार से हुआ नयागांव में जो अभी भाजपा के खेमे में जाकर बैठे हैं वह सभी सत्यनारायण पाटीदार के खेमे से आते हैं, जिनमें से दो व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़े एवं एक कांग्रेस पार्टी के संबोल पर चुनाव लड़े फिर भी सत्यनारायण पाटीदार एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजीत कांठेड़ ने उम्मीदवारों को निर्दलीय लड़ने से नहीं रोका। अगर यह व्यक्ति चाहते तो प्रभाव से अपने समर्थकों को निर्दलीय चुनाव लड़ने हेतु कह सकते थे, लेकिन श्री पाटीदार एवं श्री कांठेड़ ने ऐसा नहीं किया और जो व्यक्ति आज नयागांव कांग्रेस की राजनीति को उथल पुथल किए हुए हैं वह व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के सम्बोल पर चुनाव लड़कर जीते और अब कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के साथ मिलकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। यानी कि जावद विधानसभा में गुटबाजी और अन्य कांग्रेस उम्मीदवारों को हराने का काम सत्यनारायण पाटीदार एवं अजीत कांठेड़ के द्वारा किया गया है। जिस तरीके से नयागांव में हुआ है वहां के मतदाता आहत हो रहे हैं एवं एक दूसरे के ऊपर भड़ास निकाल रहे हैं। इन सब की जिम्मेदारी सत्यनारायण पाटीदार एवं अजीत कांठेड़ को ही लेनी चाहिए। ऐसे में आप सभी व्यक्ति कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को एक जाजम पर बैठकर गुटबाजी खत्म करना चाहिए, क्या गुटबाजी इस प्रकार से खत्म की जा रही है, कि अपने ही कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के सामने निर्दलीय प्रत्याशियों को खड़ा करवाया जाए या भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस का बोर्ड ना बनवाते हुए भाजपा का अध्यक्ष बनवाएं। अब आप स्वयं निर्णय लेवे की जावद विधानसभा में गुटबाजी की हवा कौन फैला रहा है ऐसे व्यक्तियों की गुटबाजी की वजह से हम जमीनी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बहुत ही आहत हुआ हैं।