नीमच

भाजपा के गढ़ रामपुरा में कांग्रेस ने मारी सेंध: निर्दलीयों के समीकरण से कांग्रेस की सरकार बनना तय

रामपुरा
अभी संपन्न हुए नगर निकाय चुनाव में विगत 20 वर्षों से भाजपा का गढ़ रहे रामपुरा में इस बार पुनः कांग्रेस की सरकार निर्दलीयों के समर्थन से बनती नजर आ रही है रामपुरा निकाय चुनाव के परिणाम में 5 सीटें भाजपा को 6 सीटें कांग्रेस को और 4 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों को मिली है जिसमें से 2 सीटें भाजपा समर्थित निर्दलीय जीते हैं ऐसे में अगर समीकरण लगाया जाए तो भाजपा समर्थित निर्दलीय के समर्थन से भी भाजपा केवल 7 सीट तक पहुंच पा रही है जो कि बहुमत के आंकड़े से एक कदम पीछे है वही 6 सीट कांग्रेस साथ ही 2 सीटें निर्दलीय के साथ मिलकर 8 सीट होती है जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है साथ ही रामपुरा निकाय चुनाव के परिणामों में रामपुरा के कई दिग्गजों के भाग्य दाव पर लगे थे और चुनाव परिणाम के साथ ही उनके अध्यक्ष बनने के सपने धराशाई हो गए वर्तमान में भाजपा की तरफ से अध्यक्ष की दौड़ में विजय दानगढ़ एवं कांग्रेस की तरफ से यशवंत करें अध्यक्ष की दावेदारी में प्रमुख चेहरे नजर आ रहे हैं बहुमत का आंकड़ा नहीं होने के कारण भाजपा वाले कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के समर्थन लेने के लिए उनके चक्कर लगा रहे हैं परंतु ऐसा होना संभव नहीं लग पा रहा है क्योंकि इस बार प्रत्याशी जो भी चुनाव जीत कर आए हैं वह सभी कांग्रेस के निष्ठावान प्रत्याशी है समीकरण बताते हैं कि इस बार कांग्रेस की बोर्ड बनना तय है और इसका श्रेय अगर दिया जाए तो कांग्रेस पार्टी और भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में गए यशवंत करेल इस चुनाव में मैनेजमेंट गुरु साबित हुए हैं 19 वर्ष पहले भी जब बीजेपी की बोर्ड बनी थी तब इसका श्रेय यशवंत करेल के मैनेजमेंट को दिया गया था जिसकी वजह से भाजपा पूर्ण बहुमत से रामपुरा में सरकार बनाई थी और इस बार भी कांग्रेस की सरकार बनाने में यशवंत करेल का अहम योगदान रहा है भारतीय जनता पार्टी ने अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार साथ ही वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी के कारण यह खामियाजा भुगतना पड़ा जिसके कारण वर्तमान परिस्थिति निर्मित हुई है आम चौराहों पर यह चर्चा का विषय है अगर समय रहते भाजपा में डैमेज कंट्रोल नहीं किया गया तो विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए समीकरण विपरीत हो सकते हैं

Related Articles

Back to top button