मेवाड़ विश्वविद्यालय में नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति स्थापना, गाजे बाजे व नाच गाने के साथ हुआ प्रतिमा भ्रमण व कलश यात्रा का आयोजन

मेवाड़ विश्वविद्यालय में नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति स्थापना
गाजे बाजे व नाच गाने के साथ हुआ प्रतिमा भ्रमण व कलश यात्रा का आयोजन
मंदिर में भगवान शिव परिवार सहित श्री राम परिवार, सरस्वती मां, बजरंगबली, राधा कृष्ण की प्रतिमा भी हुई स्थापित
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ विश्वविद्यालय चित्तौड़गढ़ के परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। जिसमें भगवान शिव परिवार की विग्रहो की स्थापना की गई। इस सुअवसर व मकर संक्रांति के पावन पर्व पर शिव परिवार सहित श्री राम परिवार, सरस्वती मां, बजरंगबली, राधाकृष्ण की प्रतिमा की भी स्थापना मंदिर में हुई। इससे पूर्व सभी मूर्तियों की विधिवत पूजा अर्चना की जाकर भगवान को जलाधिवास या धान्यादीवास एवं शयन संस्कार करवाया गया। सभी विग्रहो पर प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व आंखों पर पट्टी बांधी गई।
इस आयोजन में शास्त्रों के अनुसार विधिवत रूप से यज्ञ के लिए मंडप सजाया गया, जिसमें सभी देवताओं को विराजमान करते हुए नित्य उनकी पूजा अर्चना की गई।
यज्ञ आहुतियों के लिए लकड़ी का इस्तेमाल कर अग्नि पैदा की गई और उसी अग्नि से निरंतर सात दिवस तक विभिन्न देवताओं ग्रहों की आहुतियां देकर यज्ञ संपन्न किया गया।
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पहले मेवाड़ विश्वविद्यालय में मूर्तियों की गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते भ्रमण यात्रा निकाली गई। इस दौरान समस्त गदिया परिवार सहित मेवाड़ विश्वविद्यालय के पदाधिकारी व स्टाफ भी उपस्थित रहा।
दिनांक 9 जनवरी से आरंभ हुए इस आयोजन में प्रतिदिन में हवन यज्ञ तथा रात्रि में भजन कीर्तन, सुंदरकांड का आयोजन विधि विधान से होता रहा, जिसमें समस्त गदिया परिवार शामिल रहा। इन आयोजनों में उपस्थित लोगों ने जमकर आनंद उठाया। दिनांक 15 जनवरी रविवार को मकर सक्रांति पर्व पर प्राण प्रतिष्ठा के बाद महा प्रसादी का आयोजन हुआ। इस मूर्ति स्थापना आयोजन में संत कृष्णानंद जी महाराज, सांसद सीपी जोशी, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार सहित शहर व विभिन्न प्रदेशों से पधारे गणमान्य नागरिक, विश्वविद्यालय पदाधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।