होम

मेवाड़ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय वाद विवाद प्रतियोगिता में भारतवर्ष के प्रतिभागियों में हुआ शक्ति और भक्ति का संचार

मेवाड़ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय वाद विवाद प्रतियोगिता में भारतवर्ष के प्रतिभागियों में हुआ शक्ति और भक्ति का संचार

सांस्कृतिक कार्यक्रम व म्यूजियम देखकर प्रतिभागियों ने जाना राजस्थान का इतिहास, कला व संस्कृति

चित्तौड़गढ़। मेवाड़ विश्वविद्यालय में दो दिवसीय वाद- विवाद प्रतियोगिता की प्रतिस्पर्धा आयोजन हुआ। जिसमें प्रतिभागियों  को राजस्थान की परंपरा व संस्कृति को उनके समक्ष दिखाने के लिए मेवाड़ यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट विभाग की डीन डॉ. चित्रलेखा सिंह के निर्देशन में ”मूव-पाया” कार्यक्रम के तहत छठवां ”अभिव्यक्ति-समारोह” आयोजित किया गया। जिसमें अभिव्यक्ति के कलाकारों ने विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम से आकर्षक सांस्कृतिक नृत्य और गायन पेश किये । डॉक्टर चित्रलेखा सिंह ने बताया कि इसमें न केवल  राजस्थानी संस्कृति बल्कि होली की भी छाप देखने को  मिली। मुवपाया की कलाकार नृत्यांगना कुंजलता मिश्रा ने ओडीसी नृत्य के माध्यम से नौ रसों की भाव-भंगिमाओं के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति दी। कलाकार वृषभानु  नंदिनी झा के निर्देशन में मेवाड़ विश्वविद्यालय की छात्राओं ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत किये।  डॉ त्रिगुणातीत जैमिनी ने सितार वादन की प्रस्तुति से सभी को आकर्षित करते हुए वृंदावन की होली की यादें ताजा कर दी।  कलाकार हरिओम गंधर्व ने वीररस के राजस्थानी गीत सुनाये।  इस अवसर पर मंच संचालन डॉ  राजर्षि कसौधन ने किया।
फाइन आर्ट विभाग के ब्रांड मैनेजर अमित कुमार चेचानी ने बताया कि पूरे देश से आए प्रतिभागियों ने मेवाड़ विश्वविद्यालय ओके फाइन आर्ट विभाग में स्थित प्रभाष जोशी गांधी म्यूजियम, साइंस म्यूजियम, मेवाड़ म्यूजियम, स्वतंत्रता संग्राम म्यूजियम, आर्ट गैलरी इत्यादि को देखा और मेवाड़ के इतिहास के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जहां वाद विवाद प्रतियोगिता एक सफल आयोजन रहा वहीं दूसरी ओर मेवाड़ में इतिहास के बारे में  वीरोचित भावना को जागृत करना उससे भी बड़ी उपलब्धि रही। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रदान करने में फाइन आर्ट विभाग के विभिन्न पदाधिकारियों का सहयोग रहा।

Related Articles

Back to top button