मेवाड़ विश्वविद्यालय में असम के शास्त्रीय नृत्य सत्रिया का हुआ आयोजन, अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना अन्वेषा मोहंता की प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध

मेवाड़ विश्वविद्यालय में असम के शास्त्रीय नृत्य सत्रिया का हुआ आयोजन
अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना अन्वेषा मोहंता की प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध
चित्तौड़गढ़(लाइव स्टोरी-अमित कुमार चेचानी)। मेवाड़ विश्वविद्यालय में असम के शास्त्रीय नृत्य सत्रिया की अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना अन्वेषा मोहंता द्वारा मंगलवार को प्रस्तुति दी गई। महाराणा प्रताप सेमिनार हॉल में हुए इस आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। नृत्यांगना ने अपने नृत्य के माध्यम से पौराणिक कथाओं को दर्शाया, जिसका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, पदाधिकारियों व प्राध्यापकों ने आनंद लिया।
नृत्य में श्री वंदन, कृष्ण सुदामा प्रसंग व माँ देवी के पसंद को अपने हाव-भाव से प्रदर्शित कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने दर्शकों को नृत्य की बारीकियां भी सिखाईं। नृत्यांगना के साथ खोल वाद्य यंत्र पर देबाजीत सेकिया, गायन गौतम बायन, बांसुरी पर प्रसन्ना बरुआ ने संगत की। कार्यक्रम में स्पिक मैके पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे.पी. भटनागर ने स्पीक मैके संस्था के बारे में जानकारी दी।
प्रोफेसर एमेरिट्स डॉ चित्रलेखा सिंह ने बताया कि मेवाड़ विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट विभाग में विभिन्न प्रकार के नृत्य के कोर्स चल रहे हैं और सत्रीया शास्त्रीय नृत्य को भी इसमें शामिल किए जाने के लिए विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों से बात की, जिससे विद्यार्थियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत को सीखने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आलोक मिश्रा ने सभी कलाकारों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारे देश की परंपरा और संस्कृति की पहचान है। शास्त्रीय संगीत पर नृत्य कला को बढ़ावा देने के लिए मेवाड़ विश्वविद्यालय हर संभव प्रयास कर रहा है और करेगा।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों का विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा पगड़ी व उपरणा ओढ़कर व स्मृति चिन्ह भेंट कर संम्मान किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ अशोक कुमार गदिया द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गई और कलाकारों को आशीर्वाद दिया । कार्यक्रम का संचालन मेवाड़ विश्वविद्यालय थिएटर आर्ट की छात्रा तनीषा व सियाना ने किया।