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*मेवाड विश्वविद्यालय में हुआ पुरलिया छाऊ नृत्य का आयोजन* *कलाकारों ने मन मोहा, महिषासुर प्रसंग देख दर्शक हुए रोमांचित*

*मेवाड विश्वविद्यालय में हुआ पुरलिया छाऊ नृत्य का आयोजन* 

*कलाकारों ने मन मोहा, महिषासुर प्रसंग देख दर्शक हुए रोमांचित*

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चित्तौड़गढ़। मेवाड विश्वविद्यालय गंगरार चित्तौड़गढ़ में  शुक्रवार को स्पिक मैके के तत्वावधान में विरासत 2023 के अन्तर्गत स्थानीय चैप्टर के द्वारा पश्चिम बंगाल के पारंपरिक  नृत्य पुरलिया छाऊ का आयोजन  हुआ। महाराणा प्रताप सेमिनार हॉल में हुए इस आयोजन का  का शुभारंभ मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अशोक कुमार गदिया की अध्यक्षता तथा कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा व रजिस्ट्रार डॉ. आर. राजा के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर स्पिक मैके के पूर्व चेयरमैन जे• पी• भटनागर ने स्पिक मैके के  बारे में विद्यार्थियों व उपस्थित दर्शकों को परिचित कराया और जानकारी दी कि छाऊ नृत्य भारत की एक आदिवासी मार्शल आर्ट शैली है जो उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है।

*कलाकारों की प्रस्तुति देख दंग रह गए दर्शक*

मेवाड़ विश्वविद्यालय फाइन आर्ट विभाग की डीन डाॅं. चित्रलेखा सिंह के निर्देशन में आयोजित हुए कार्यक्रम में पुरलिया  छाऊ नृत्य कलाकार तमल कांति रजक के नेतृत्व में उनके 16 सहयोगियों ने अपनी बेहद सुंदर प्रस्तुतियां दी। कलाकारों ने मोर के रूप में लोक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए सभी का मन मोह लिया। पुरलिया कलाकारों ने नृत्य के द्वारा महिषासुर वध एवं अन्य संस्कृति को बेहद सुंदर मुखोटे से दर्शाया।  इस आयोजन में विश्वविद्यालय स्टाफ, छात्र -छात्राएँ  उपस्थित थे। कार्यक्रम संचालन योग विषय की छात्रा आकृति ने किया। अंत में सभी कलाकारों का डॉ.  अशोक कुमार गदिया व कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा ने मेवाडी पगड़ी व उपरणा से सम्मान किया और उनके द्वारा दी गई आकर्षक प्रस्तुतियों की सराहना की ।

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