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मेवाड़ विश्वविद्यालय के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का हुआ समापन

मेवाड़ विश्वविद्यालय के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का हुआ समापन

समारोह को यूजीसी-एचआरडीसी जोधपुर के निदेशक प्रो. राजेश दुबे ने किया सम्बोधित 

नई शिक्षा नीति ने रुचि और रोजगार परक विषय के चयन को बनाया आसान-प्रो० दुबे

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चित्तौड़गढ़(लाइव स्टोरी -अमित कुमार चेचानी)। नई शिक्षा नीति ने विद्यार्थियों के लिए रुचि और रोजगार परक विषयों का चयन करना आसान बना दिया है। उक्त कथन मेवाड़ विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे दस दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यूजीसी-एचआरडीसी जोधपुर के निदेशक प्रो. राजेश कुमार दुबे ने कहे। उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थी अपनी मनपसंद का विषय और रोजगार परक विषय, दोनों सम्बन्धित कोर्सेज को समानान्तर रूप से पूर्ण कर सकते हैं। अब विद्यार्थी चाहे तो संगीत और साइंस का कोई विषय एक साथ चुन सकते हैं। दो डिग्री भी एक साथ कर सकते हैं। वह चाहे तो बीच में कोर्स छोड़ भी सकते हैं और नौकरी के बाद भी कोर्स को पूर्ण करना चाहे तो, कर सकते हैं। इस तरह से मौजूदा शिक्षा नीति भारतीय युवाओं को कौशल युक्त और देश को विश्वगुरु बनाने के उद्देश्य से सर्वाधिक मुफीद है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ० अशोक कुमार गदिया ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति ने जो भी नीतियां बनाई हैं उनमें से कई ऐसी नीतियां हैं जो मेवाड़ विश्वविद्यालय ने बहुत पहले से ही लागू किया हुआ है। बाकी की नीतियों को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय पूरी तरह से तत्पर है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं विश्वविद्यालय के छात्रों को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि वह जो कुछ भी नवाचार, रिसर्च, प्रोजेक्ट करना चाहते हैं उसके लिए विश्वविद्यालय उन्हें हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। इसलिए अब आप सभी नई शिक्षा नीति का लाभ उठाते हुए जी जान से जुट जाइए और अपने कौशल से इस विश्वविद्यालय के विजन को चरितार्थ कीजिए। आप सभी हमारी आशाएं हैं, देश की आशाएं हैं। मैं आशान्वित हूँ कि यहां से निकले छात्र पूरे देश में इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। कुलपति प्रो० आलोक मिश्र ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें नई शिक्षा नीति का लाभ उठाते हुए समाज के उत्थान के लिए भी उत्कृष्ट कार्य करते रहना होगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा अब ट्राई पोलर यानी कि विद्यार्थी, शिक्षक, पैरेंट्स ही नहीं है बल्कि यह टेट्रा पोलर हो चुकी है, जहां चौथा ध्रुव समाज है। डॉ० लोकेश शर्मा ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि आप को बेहद अनुशासित, सक्रिय और रचनात्मक होना होगा तभी आप देश के सच्चे मानव संसाधन साबित हो पाएंगे। प्रो. चित्रलेखा सिंह ने फाइन आर्ट संकाय के प्राध्यापकों और संचालित हो रहे विभिन्न कोर्सेज की जानकारी दी। जिनमें मुख्यतः ज्योतिष, संगीत, गायन नृत्य, चित्रकला, योग आदि शामिल है। इस अवसर पर योग, संगीत और नृत्य कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का आरम्भ कुलगीत एवं समापन राष्ट्रगान से हुआ तथा संचालन अनुभव राठौड़ ने किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति, आनन्द वर्द्धन शुक्ल, निदेशक हरीश गुरनानी, ओएसडी एच. विधानी, अकादमिक निदेशक डीके शर्मा, उप कुलसचिव दीप्ति शास्त्री सहित शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

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