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मेवाड़ विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

मेवाड़ विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

संगोष्ठी के पहले दिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता जल संरक्षण आदि विषयों पर हुआ मन्थन

अन्तरविषयी शोध को बढ़ावा देने के लिए आयोजित संगोष्ठी में देश-विदेश के 40 से भी अधिक शोधार्थी ले रहे हैं भाग

  • चित्तौड़गढ़(अमित कुमार चेचानी)। कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जीवन को आसान बनाने के लिये बेहद अभूतपूर्व खोज है। उक्त बातें मेवाड़ विश्वविद्यालय ‘इन्टरनेशनल कांन्फ्रेन्स आॅन इनोवेशन एण्ड एडवान्सेज इन इन्टरडिसीप्लीनरी रिसर्च‘ विषयक अन्र्तराष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि ग्रिफिथ विश्वविद्यालय आॅस्ट्रेलिया के प्रो. अब्दुल सत्तार ने कही। उन्होने आगे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्सी तकनीक के भविष्य पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्सी तकनीक प्रदूषण, जल की गुणवत्ता, प्रेसिजन फार्मिंग, फूड सिक्योरिटी, डिजास्टर मैनेजमेन्ट, पर्यावरण सन्तुलन आदि क्षेत्रों में बेहद कारगर एवं प्रभावी साबित होगी। साउथ ईस्ट विश्वविद्यालय चाईना के प्रो. राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने चाईना के डेल्टा रिजन की नदी यांगजी पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। कुलाधिपति डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने मेवाड़ विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय अन्तरविषयी एवं बहुविषयी शोध को बढ़ावा देने के लिये हर सुविधाओं के लिये तैयार है। उन्होने आगे कहा कि शोध का अनन्तिम लक्ष्य मानव हित होना चाहिए। कुलपति प्रो. आलोक मिश्रा ने कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय अन्तरविषयी शोध के महत्व को समझते हुऐ पहले से ही राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुविषयी शोध कार्य कर रहा है। विषय की प्रतिस्थापना करते हुए प्रतिकुलपति आनन्द वर्द्धन शुक्ल ने शोध को मानव जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि शोध व्यक्ति को परिष्कृत करता है, दुनिया को बेहतर बनाता है। इसीलिये शोध में लगन का होना बेहद जरूरी है। कान्फ्रेन्स वर्ल्ड  की सदस्या रेषु गुप्ता ने शोधार्थियों को अन्तरविषयी शोध के लिये प्रेरित किया। इस अवसर पर डाॅ. गुलजार अहमद, डाॅ. अतुल शर्मा, डाॅ. सुमित कुमार पाण्डेय, डाॅ. नीलू जैन, नूरा याकूबू और लोन फैसल द्वारा सम्पादित अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी की काॅन्फ्रेन्स प्रोसिडिंग का अनावरण भी किया गया। अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी के ज्वाइंट सेक्रेटरी डाॅ. गुलजार अहमद ने बताया कि पहले दिन तीन तकनीकी सत्रों में मेवाड़ अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय नाईजीरिया के कुलपति प्रो. मुहम्मद टंको ने, डाॅ. सुचिस्मिता पाठक और प्रो. बाबयो मुहम्मद टुकुर ने भीे अपने विचार रखें। स्वागत भाषण संयोजक नूरा याकुबू ने किया। संचालन नुहू बाॅबी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सहसंयोजक लोन फैसल ने किया। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. आर राजा, दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. हरि सिंह चैहान तथा तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डाॅ. सोनिया सिंगला ने की। इन सत्रों में डाॅ. सरिता शर्मा, डाॅ. मनोज लाखन डाॅ. रामगोपाल धाकड़, दीपक जोषी, मीर महरीना, असमता जान, डाॅ. डीके वर्मा, डाॅ. सुमित कुमार पाण्डेय, डाॅ. अमित कुमार शर्मा, डाॅ. शुभदा पाण्डेय, अभिषेक उपाध्याय, रितेष ओझा, कोमल यादव आदि ने शोध-पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना, कुलगीत तथा समापन राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर ओएसडी एच. विधानी, उपकुलपति दीप्ती शास्त्री, डायरेक्टर हरिश गुरनानी, प्रो. चित्रलेखा सिंह, प्रो. येम्मानुर सुदर्शन, डाॅ. आर.एस. राणा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

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