मेवाड़ विश्वविद्यालय में अंक ज्योतिष की राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य आयोजन

मेवाड़ विश्वविद्यालय में अंक ज्योतिष की राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य आयोजन
जिस प्रकार अंधेरे में टाॅर्च रास्ता दिखाता है उसी प्रकार ज्योर्तिविज्ञान मानव का सही मार्गदर्शक है- कुलपति प्रो. मिश्रा
ज्योतिषशास्त्र, अंकशास्त्र, हस्तरेखा एवं अन्य विधाओं के कोर्स करवाकर स्वरोजगार उपलब्ध करा रहा है मेवाड़ विश्वविद्यालय
चित्तौड़गढ़(लाइव रिपोर्ट- अमित कुमार चेचानी)। मेवाड़ विश्वविद्यालय में अंक ज्योतिष की राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें विभिन्न प्रान्तों के विद्यार्थियों एवं अंक ज्योतिषाचार्यों ने भाग लिया तथा अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का प्रारम्भ में मेवाड़ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति आलोक मिश्रा ने माॅ सरस्वती को दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर वेद मंत्रों का भी उच्चारण कर सेमिनार का आगाज किया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि मेवाड विश्वविद्यालय गत पांच वर्षों से अनवरण ज्योतिषशास्त्र, अंकशास्त्र, हस्तरेखा एवं अन्य विधाओं के अध्यययन अध्यापन का कार्य संपादित करता आ रहा है। अब तक विभाग द्वारा अनेक छात्र-छात्राओं को इस गूढ़ विद्या का गुणात्मक अध्ययन करवाया गया है, अनेक विद्यार्थियों को शोध की डिग्रियां भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है, जो आज सफलतापूर्वक ज्योतिष के कार्य को स्वरोजगार के रूप में अपना कर अपना दैनिक रोजगार प्राप्त कर रहे है।।
अंक ज्योतिष के बारे में बोलते हुए डाॅ. शर्मा ने बताया कि अंक ज्योतिष भी ज्योतिषशास्त्र का अभिन्न अंग है। अंक विज्ञान से मानव के चरित्रगत लक्षणों एवं भविष्य में घटित होने वाली शुभ अशुभ घटनाओं की जानकारी बड़ी सटीक रूप से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अंक ज्योतिषशास्त्र के नियमों बहुत ही सरल है, जिनको आम आदमी भी बड़ी सहजता से आत्मसात कर इस विधा को सीख सकता है। उन्होंने बताया कि शब्द एवं अंकों में घनिष्ट सम्बन्ध है, और इस रहस्य को हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों ने खोज लिया था । प्राचीन शास्त्रों में उल्लेख है कि 25 मणियों की माला से जाप करने पर मोक्षा की प्राप्ति, 30 मणियों की माला से जाप करने पर धन सिद्धि, 108 मणियों की माला से जाप करन सर्वार्थ सिद्धि की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि अंकों का मानव जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पडता है, व्यक्ति जीवन भर अंकों से अपना पीछा नहीं छुडा पाता। जन्म हो तो जन्मतिथि के अंक, बालक को स्कूल में भर्ती करेगे तो उस तारीख के अंक, शिक्षा पूर्ण हुई तो डिग्री पर तारीख के अंक, प्रतिशत के अंक, नौकरी या व्यवसाय प्रारम्भ करने में अंक, विवाह, तलाक, मुकदमा, झगडा, लाॅटरी खुलने आदि सभी घटनाओं को हम केवल अंकों के माध्यम से ही याद रख सकते है। इस प्रकार हमारा जीवन अंकों का कर्जदार है, हम अंकों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते । डाॅ. शर्मा ने 0 से 9 तक के अंकों का सम्बन्ध ग्रहों से बताते हुए अंक ज्योतिष की गहन जानकारी उपस्थित विद्वानों के समक्ष दी।
इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय सितार वादक डॉ. त्रिगुणातीत जैमिनी ने संगीत एवं अंक ज्योतिष के गहन सम्बन्ध को बताते हुए अवगत कराया कि ज्योतिष एवं संगीत आपस पूर्णतया सम्बद्व विषय है। उन्होंने ग्रहों, रागों एवं रंगों में आपसी तालमेल सिद्ध करते हुए प्रत्येक ग्रह किस प्रकार संगीत से जुड़ा हुआ है, बहुत ही प्रभावी तरीके से सेमिनार में रखा।
मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए कुलपति माननीय आलोक मिश्रा ने कहा कि ज्योतिष प्रकाश का रूप है, जो व्यक्ति के जीवन में भूत, भविष्य एवं वर्तमान में घटने वाली घटनाओं की सटीक जानकारी देता है। जीवन को सफल बनाने के लिए सही मार्ग चाहिए और सही मार्ग बताने का कार्य ज्योर्तिविज्ञान करता है। उन्होनें बताया कि जिस प्रकार अंधेरे में टाॅर्च रास्ता दिखाता है उसी प्रकार ज्योर्तिविज्ञान मानव का सही मार्गदर्शक है। ज्योतिष मानव कल्याण का विषय है।
प्रो. मिश्रा ने बताया कि अंक विज्ञान ज्योर्तिविज्ञान की ही एक शाखा है। अंक विज्ञान केवल जन्म की तारीख के आधार पर फलादेश करने वाला विज्ञान है, ज्योतिष शास्त्र विश्वास एवं अनुभव का विषय है। उन्होने सदन में उपस्थित दो जातकों की जन्म तारीख के आधार पर फलादेश कर सबको चकित कर दिया। अंक 1 के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सूर्य का अंक है तथा जिस पर इस अंक का प्रभाव होता है, वह बहुत उर्जावान एवं प्रतापी होता है। अंक 9 की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि यह मंगल का अंक है तथा जो व्यक्ति इस अंक के प्रभाव मंे होता है वह बहुत मेहनती, क्रोधी, जल्दबाज एवं वीर होता है। उन्होने 4 नम्बर के बारे मे बताते हुए कहा कि यह अंक राहु ग्रह का है तथा जीवन में अचानक घटनाएं देता है, अभूतपूर्व साहब देता है यह अंक।
उन्होनंे यह भी बताया कि प्रत्येक ग्रह का जीवन में अपना एक महत्व है तथा व्यक्ति जीवन भर उनके प्रभाव मे रहकर कार्य करता है। सभी ग्रह जीवन के लिए आवश्यक है। ज्योतिष, हस्तरेखा बहुत ही गूढ़ एवं गहनता के विषय हैं, जिसमें फलादेश करते समय कई पक्षों पर विचार करना होता है किन्तु अंक ज्योतिष के नियम सरल एवं संक्षिप्त हैं किन्तु इन विषयों को गुरू के माध्यम से पढ़ने की आवश्यकता होती है ताकि अध्ययन सही दिशाा में हो सके।
अंत में हाॅल में उपस्थित जनों ने शंका समाधान हेतु प्रश्न किए जिसके समुचित प्रत्युत्तर माननीय कुलपति, डाॅ.ओम प्रकाश शर्मा, एवं डाॅ. अंजना जोशी ने दिए। कार्यक्रम में सभी रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष एवं फेकल्टी मेम्बर सहित विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सहभागिता देने वाले 112 विद्धानों को प्रमाण पत्र भी जारी किए गए।