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मेवाड़ विश्वविद्यालय में हुई अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिये भाषण प्रतियोगिता। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) के तत्वावधान में हुआ आयोजन

मेवाड़ विश्वविद्यालय में हुई अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिये भाषण प्रतियोगिता

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) के तत्वावधान में हुआ आयोजन

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चित्तौड़गढ़(अमित कुमार चेचानी)। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत चित्तौड़गढ़ में दिनांक 20 फरवरी 2023 सोमवार को मेवाड़ विश्वविद्यालय में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिये भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। महाराणा प्रताप सेमिनार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम का आरंभ कार्यक्रम मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) के अध्यक्ष माननीय डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे व अतिथियों का स्वागत मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ. अशोक कुमार गदिया द्वारा पारंपरिक ढंग से किया गया।

*भाषण एक कला है, जो विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी साबित होती हैं – आईसीसीआर अध्यक्ष*

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपने उद्बोधन में कहा कि भाषण एक कला है, जो विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी साबित होती हैं जिससे वह लोगों के मध्य अपनी बात को आसानी से उनके सामने रख सकते है। वह अपने जीवन में होने वाली प्रतिस्पर्धा में हमेशा मजबूत बना रहता है। उन्होंने कहा कि देश – विदेशों के विद्यार्थियों में एक मंच पर इस तरह की गतिविधियों का होना निश्चित रूप से सांस्कृतिक एकता के साथ -साथ पूरे विश्व को परिवार के रूप में बांधे रखता है। उन्होने आगे कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने एवं भाषाई विविधता को दूर करने के उद्देश्य से नाईजीरिया में स्थित मेवाड़ इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में सांस्कृतिक केन्द्र खोलने हेतु सहयोग करने का आश्वासन दिया जिससे सांस्कृतिक एकता की मिसाल कायम हो सके।

*मेवाड़ की धरती पर मेवाड़ विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है- डॉ. गदिया*

मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने  अपने उद्बोधन में कहा कि मेवाड़ की भूमि शक्ति और भक्ति की भूमि कही जाती है। यहां पर सदियों से लोगों ने त्याग और बलिदान के माध्यम से अपने स्वाभिमान की रक्षा की है। अपने देश की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए न जाने यहां कितने युद्ध लड़े गए और कितनी ही जाने गई लेकिन हमारे देश की संस्कृति को कोई नहीं मिटा सका। इसी मेवाड़ की धरती पर मेवाड़ विश्वविद्यालय भी शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। वसुदेव कुटुंबकम की भावना को ध्यान में रखते हुए मेवाड़ विश्वविद्यालय में आज देश के नहीं वरन अन्य कई देशों के विद्यार्थी भी अध्ययनरत हैं और अलग-अलग के क्षेत्रों में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। 
इस अवसर पर प्रतिकुलपति आंनदवर्धन शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व गुरु कहलाने वाले भारत पर कई विदेशी संस्कृतियों वाले लोगों ने हमले किये, कई सदियों तक विभिन्न तरह के उतार-चढ़ाव आये।  लेकिन हमारे देश के सपूतों ने भारत मां के आंचल पर कोई आंच नहीं आने दी इसीलिये आज भी पूरे विश्व में भारतवर्ष का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है। 

*भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत 14 देशों के विद्यार्थियों के बीच हुआ फाइनल मुकाबला*

इस भाषण प्रतियोगिता का विषय ‘‘बीसवी सदी के मध्य में उपनिवेशवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भूमिका’’ था। सोमवार को हुए फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश, नाईजीरिया, अमेरिका, नेपाल, आदि 14 देशों के भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के निर्णायकों ने विजेताओं का चयन करते समय विषय वस्तु की प्रासंगिकता, विचारों का व्यवस्थितिकरण, अभिव्यक्ति का नियंत्रिकरण आदि विषयों के आधार पर परिणाम जारी किए। विजेताओं में से प्रथम विजेता नाईजीरिया के इजोके माइकल ओबिना को 51000/- रूपये, द्वितीय विजेता को 31000/- रूपये नाईजीरिया के निवासी मेवाड़ विश्वविद्यालय की विद्यार्थी निनेजी क्लेरा सोचिमेजेम तथा अमेरिका की इन्द्रकान्ति श्री प्रदा को एवं तृतीय विजेता बांग्लादेश के पृथला मोहिनी तथा नेपाल के यादव प्रिंस को 21000/- रूपये का नगद पुरस्कार तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गए। कार्यक्रम में मेवाड़ अभिव्यक्ति द्वारा सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।  कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के ओएसडी एच विधानी ने सभी का आभार व्यक्त किया। 

इस अवसर पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डाॅ.) आलोक मिश्रा, मेवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के चेयरमैन गोविन्द लाल गदिया, बोर्ड आॅफ मैनेजमेन्ट के सदस्य अर्पित माहेश्वरी, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल, प्रतिकुलपति आनन्दवर्द्धधन, डायरेक्टर एकेडेमिक्स डी. के. शर्मा, डायरेक्टर ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट हरीश गुरनानी, कुलसचिव प्रो. आर राजा, उपकुलसचिव दीप्ति शास्त्री, प्रो.(डॉ.) चित्रलेखा सिंह, प्रो. (डॉ) सोनिया सिंगला, प्रो. चेताली अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों सहित प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

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