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लोड सेटिंग के नाम पर ग्रामीण इलाकों में हो रही बिजली कटौती शहरों में बिजली सप्लाई और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा भेदभाव

*लोड सेटिंग के नाम पर ग्रामीण इलाको में हो रही बिजली कटौती*

*शहरों में बिजली सप्लाई और ग्रामीणों क्षेत्रों मे किया जा रहा भेदभाव*

जाट:- जावद विधानसभा के सिंगोली तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाको में पिछले 4/5 दिनों से विद्युत विभाग द्वारा लगभग 4 से 5 घंटे तक दिन और रात के समय अघोषित विद्युत कटौती किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र के सैकडों बिजली उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों मे भारी रोष व्याप्त है। एक और जहां तेज गर्मी और उमस से भयंकर बेचैनी की स्थिति बनी हुई है। ऐसे हालात में जब ग्रामीण क्षेत्र के अन्नदाता किसान दिन भर खेतो में काम करके थक हार के जब रात को खाना खाने या सोने की तैयारी कर रहे होते है तब बिजली विभाग के द्वारा मनमाने ढंग से अघोषित बिजली कटौती की जाती है जिससे ग्रामीण इलाके के लोगो को काफी परेशानीयो का सामना करना पड रहा है। विद्युत कटौती के कारण नेताओं की किरकिरी हो रही है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेतागण जहां आंखों पर पट्टी बांधकर जनसमस्याओं की तरफ आवाज नहीं उठाते हुए एसे सो रहे हैं। जैसे उनको जन समस्याओं से कोई सरोकार ही नहीं है।वहीं अधिकारियों एवं नेताओं के बार बार फोन लगाकर थक चुके परेशान ग्रामीण अपनी समस्या का समाधान नहीं होने पर अब सोशल मीडिया पर भाजपा के नेताओं एवं विद्युत मंडल के अधिकारियों के ऊपर तानाकसी कर अपने गुस्से का पूरा गुबार उतार रहे हैं। जाट क्षेत्र के लोगो का कहना है कि रोज रात्री में बेतहाशा विद्युत सप्लाय बाधित रह रही है। ऐसे में गांव जाट और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बडी संख्या मे अफीम उत्पादक किसानों के घरों में रखी हुई अफीम जिसका सरकार के द्वारा अभी तक तोल नहीं किया गया है। उक्त अफिम की रखवाली की जिम्मेदारी के साथ ही अंधेरे का फायदा उठाकर चोरी होने का डर किसानो को सता रहा है।इस संदर्भ में जब विद्युत विभाग के आला अधिकारियो से कटौती के बारे में चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि अभी तहसील स्तर के शहरो की विद्युत सप्लाय चालू है। और ग्रामीण इलाको मे लोड सेटिंग एवं मेंटेंनेंस का कार्य चल रहा है। इस कारण यहां कटौती की जा रही है।जब उनसे ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा कराने के बाद भी उनके साथ हो रहे भेदभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।दूसरी तरफ अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण के सामने पेयजल का भी संकट उत्पन्न हो रहा है इसके साथ ही पालतू पशुओं के लिए पीने के पानी की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है।

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