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व्यवस्था एवं स्टाफ की कमी से जूझता शासकीय अस्पताल रामपुरा

रामपुरा तहसील मुख्यालय रामपुरा नगर कहने को तो तहसील है परंतु एक तहसील में जो सुविधाएं होनी चाहिए वह अभी तक तहसील के मूर्त रूप में आने के बाद रामपुरा को नहीं मिली रामपुरा का शासकीय हॉस्पिटल एक समय अपने अनुभवी चिकित्सकों स्टाफ नर्स के कार्यकुशलता वैभव के दम पर अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता था परंतु जब से गांधी सागर जलाशय बना सबसे इस नगर ने अपना वैभव खोना प्रारंभ किया जो आज तक जारी है चाहे नगर का कॉलेज आईटीआई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुलिस थाना शासकीय हॉस्पिटल इन सभी विभागों स्टाफ की कमी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है रामपुरा सिविल हॉस्पिटल में कहने को 3 डॉक्टर एवं एक महिला डॉक्टर अपेक्षित है परंतु वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर अभी डॉ प्रमोद पाटीदार 24 घंटे अपनी सेवाएं देकर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं एवं डॉ प्रमोद पाटीदार की सेवाओं को अंचल के लोगों द्वारा खूब सराहा भी जा रहा है परंतु इतने बड़े अस्पताल में अकेला डॉक्टर कब तक अपनी सेवाओं को जारी रखें रहे हैं सिविल हॉस्पिटल रामपुरा में स्टाफ नर्स वार्ड बॉय लैब टेक्नीशियन एक्स-रे आदि बहुत सारे पद रिक्त पड़े हुए हैं सिविल हॉस्पिटल रामपुरा में संसाधन उपलब्ध हैं परंतु संसाधनों को क्रियान्वयन करने के लिए स्टाफ नहीं है इसी आमजन एवं गरीब लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल में भारी-भरकम फीस का भुगतान कर अपना इलाज करवाना पड़ता है नगर के नागरिकों क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद से इस विषय में मांग करी है कि सिविल हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द सुधार कर आमजन को राहत प्रदान करें

इनका कहना है

अनिरुद्ध माधव मारू क्षेत्रीय विधायक
रामपुरा सिविल हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी का विषय मेरे संज्ञान में आया है और मैंने इस विषय में माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी को अवगत करा दिया है जहां से हमें स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा आश्वस्त किया गया है कि इस और सार्थक प्रयास कर रामपुरा हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी को जल्द दूर किया जाएगा

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