स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन
चित्तौड़गढ़(अमित कुमार चेचानी)। महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के तत्वावधान में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। स्थानीय इकाई के सचिव डॉ नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि उक्त व्याख्यान में प्रोफेसर एवं इतिहासविद डॉ लोकेंद्र सिंह चूंडावत, मुख्य वक्ता, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी के कूकड़ा, अध्यक्ष, तथा रुक्टा (रा) के विभागीय अध्यक्ष डॉ पियूष शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
अपने सारगर्भित उद्बोधन में डॉ चूंडावत ने स्वतंत्रता आंदोलन में मेवाड़ की महत्ती भूमिका को रेखांकित किया। डॉ चूंडावत ने मेवाड़ राजवंश के प्रथम शासक बप्पा रावल को स्वतंत्रता का पुरोधा बताया, इनके बाद मेवाड़ के अन्य महाराणाओ जिनमें सांगा, प्रताप और राजसिंह प्रमुख हैं को भी स्वतंत्रता के समर का महानायक बताया।
डॉ चूंडावत ने मेवाड़ में प्रजा मंडल, बिजोलिया किसान आंदोलन, आदि स्वतंत्रता आंदोलनों पर विस्तार से जानकारी दी। इसके उपरांत प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उपस्थित युवाओं को इतिहास से प्रेरणा लेने की सीख दी। डॉ कूकड़ा ने मेवाड़ के संदर्भ कहा कि यह भूमि सदैव स्वतंत्रता की अलख जगाने वाली रही है तथा यहां के इतिहास को और अधिक संकलित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेंद्र गुप्ता ने तथा उपस्थित अथितियों का आभार डॉ पियूष शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में रुक्टा (रा) के विभागीय सचिव श्री संदीप शर्मा, सहसचिव डॉ भरत दास वैष्णव, महिला प्रतिनिधि डॉ भारती मेहता सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य एवं विधार्थी उपस्थित हुए।