Sankashti Chaturthi 2023: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर इस योग में करें भगवान गणेश की पूजा, पूरी होगी मनचाही मुराद
इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अतः साधक भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो इस शुभ मुहूर्त में गजानन की पूजा-अर्चना करें।
नई दिल्ली। Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2023: सनातन धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूज्य हैं। हर शुभ कार्य करने के समय सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। इस प्रकार 30 नवंबर को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। अतः साधक भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो इस शुभ मुहूर्त में गजानन की पूजा-अर्चना करें।
शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 30 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 1 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि, संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने का विधान है। अत: 30 नवंबर को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन चंद्र दर्शन का समय संध्याकाल 07 बजकर 54 मिनट पर है।
शुभ योग
अगर आप भगवान गणेश की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर शुभ योग में एकदन्त की पूजा करें। इस दिन शुभ योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 15 मिनट तक है। ज्योतिष शुभ योग को विशेष मानते हैं। इस योग में सिद्धि प्राप्ति हेतु कार्य कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिषियों की मानें तो गणाधिप संकष्टी चतुर्थी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। अतः किसी समय में आप भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।