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MP में खनन माफियाओं के निशाने पर चंबल नदी, HC के नियमों का धड़ल्ले से हो रहा उल्लंघन

मध्यप्रदेश के मुरैना में चंबल नदी में अवैध खनन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. हाईकोर्ट की रोक के बावजूद भी यहां पर अवैध खनन लगातार जारी है.बताया जा रहा है कि इन माफियाओं के हौंसले इतने ज्यादा बुलंद है कि इनकी दहशतगर्दी से कई पुलिसकर्मी और आम लोग शिकार हो चुके हैं.बता दें कि अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फ़ोर्स भी बनाई गई है लेकिन फिर भी खनन माफियाओं पर लगाम लगाना मुश्किल दिखाई दे रहा है. इतनी पाबंदी के बावजूद भी आखिर क्यों हो रहा है अवैध खनन देखिए…

पुलिस की मदद की जरूरत-डीएफओ

चंबल नदी में हो रहे अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद जब जी मीडिया की टीम चंबल नदी पर बने वन विभाग के पर्यटक स्थल पर पहुंची तो वहां पर ऐसा नजारा देखने को मिला जो कानून की धज्जियां उड़ा रहा था. बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों के सामने भी अवैध खनन जारी था. इसे लेकर जब टीम ने उनसे सवाल किया तो उन्होनें कहा कि हमें पुलिस का पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है. सूचना के बावजूद भी पुलिसकर्मी समय से नहीं पंहुचते है. इस वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मुरैना के डीएफओ ने बताया कि दिन रात हो रहे अवैध खनन के रेत, बालू को माफियाओं के वाहन थाने के सामने से लेकर गुजरते हैं, लेकिन फिर भी पुलिस अधिकारी मौन रहते हैं. जब ये बात मुरैना के सीएसपी से की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है माफियाओं पर कार्यवाही हो रही है. फिलहाल हकीकत क्या है वो आप सबके सामने है.

श्योपुर में भी रेत माफियाओं के बुलंद हौसले

हाल ही में श्योपुर में भी रेत माफियाओं के बुलंद हौसला देखने को मिले थे. राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम जब चंबल नदी में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने श्योपुर पहुंची थी तो रेत माफियाओं ने टीम पर ही हमला करने की कोशिश की. टीम पर जमकर पथराव किए गए. पथराव में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की तीन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं थी. अच्छी बात ये रही कि कोई हताहत नहीं हुआ. घटना बीरपुर थाना इलाके के बरोठा गांव के पास चंबल नदी की थी. दरअसल वीरपुर में चम्बल नदी से अवैध रेत के उत्खनन के कारोबार की लगातार शिकायतें मिल रही थी. इसी के चलते राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण की टीम रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पहुंची थी. टीम को चंबल नदी में रेत का अवैध उत्खनन करती हुईं हाइड्रा मशीन और कई ट्रैक्टर ट्रालियां मिलीं थी.

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